Multilingual Previews, Reviews, Interviews & Point of Views...of/for/with/about various products, movies, books, people, things & events...

Tuesday, January 28, 2014

मोहित शर्मा (ज़हन) - Mera Girvi Samaj Gawara Nahi

अखंड भारत एक शब्द ही नहीं एक मिसाल भी है कि विविधता से भरा देश खुद में कितने घटक समाये हुये है।  पर आज़ादी के बाद से ही राजनैतिक मतलबों के लिए और प्रगति कि आड़ में किसानो, कबीलो के मौलिक अधिकारो का हनन होता रहा है। जिसने आवाज़ उठायी उसको हिंसा कि विचारधारा का समर्थक बता कर जेल भेजा गया, मार दिया गया या वो गायब हो गया। अशिक्षा और जागरूकता कि कमी के कारण से ये सिलसिला निरंतर चलता रहा। कुछ इलाको में समानांतर सरकारो, विद्रोह के जन्म से सरकार को अपनी गलत, एकतरफा नीतियों के बचाव के साथ उनको बढ़ाने का मौका भी मिल गया। भारत कि जनसँख्या में 8.6 प्रतिशत अनुपात के अनुसार इन पर सरकारी मदद, खर्च एवम योजनायें नहीं चलायी गयी। बड़ी अर्थव्यवस्था में आदिवासी वर्ग के अधिकार निजी-कॉर्पोरेट संस्थानो के लिए बलि चढ़ाये जा रहे है। देश का विकास इन लगभग 11 करोड़ देशवासियों को साथ लेकर कि किया जा सकता है, इनकी अनदेखी करके या इनसे लड़कर नहीं। एक आदिवासी नेता कि इसी व्यथा पर ये कविता प्रस्तुत है, जहाँ लगने लगे अपने देश में ही अपना वर्ग राजनीति द्वारा किसी और मतलब के लिए गिरवी रखवा दिया हो।  



मेरा समाज गिरवी...गवारा नहीं!

(14 December 2013)

समां गिरवी गवारा नहीं,
जहाँ गिरवी गवारा नहीं।

आसमाँ फिरोज़ी ना लगता,
कहीं सुर्ख यह नज़ारा तो नहीं ?

शायद गुस्ताखी है सियासत से दूर...मिट्टी के पास रहना,
यूँ रह-रह कर नज़रियों का फर्क सहना,
अपनी नज़र में माँ सी ज़मीनो कि कीमत नहीं,
उनकी नज़र में हमारी कागज़ी जानो कि हैसियत नहीं।

बगावत फितरत में नहीं किस्मत में घुली।
वो कबीला खुद में खूबसूरत रहा, 
उन पीढ़ियों कि रूह जाने कब फ़िज़ाओ में मिली?

क़ातिल लगे आदिवासी सीरत भोली,
लगती रही कबसे जिनकी कीमत-बोली।
हक़ में आवाज़ अगर उठ जाये..… 
चलवा दो दूर उस गुमनाम गाँव पर गोली।

ऊँची हैसियत से मेरी गलतियों कि मिसाल दो..... 
देखो अब बारिश साथ मे तेज़ाब ले आयी,
इसको दोष भी हम पर डाल दो। 

दूर है पर गूँगे नहीं,
अपनी पहचान को भटकतें कहीं।
हक़ कि जंग तो है ही डायन,
हमसफ़र सैलाबों में किनारा नहीं।

समां गिरवी गवारा नहीं,
जहाँ गिरवी गवारा नहीं।

- मोहित शर्मा (ज़हन)


Wednesday, January 22, 2014

Tribute to Netaji Subhas Chandra Bose (Ghulam-e-Hind)

A Tribute to Netaji Subhas Chandra Bose

"Bose's arrest and subsequent release set the scene for his escape to Germany, via Afghanistan and the Soviet Union. A few days before his escape, he sought solitude and on this pretext avoided meeting British guards and grew a beard on the night of his escape, he dressed as a Pathan to avoid being identified. Bose escaped from under British surveillance at his house in Calcutta. On 19 January 1941, accompanied by his nephew Sisir K. Bose in a car that is now on display at his Calcutta home."


with artist Mr. Vibhuti Dabral

Wrote Biographical Ghazal on him last year

"वो कोई पीर रहा होगा ..."

ग़ुलामी के साये मे जो आज़ाद हिन्द की बातें करता था ...
किसी दौर मे खून के बदले जो आज़ादी का सौदा करता था ...
बचपन मे ही स्वराज के लिये अपनों से दूर हुआ होगा ...
बस अपनी सोच के गुनाह पर जो मुद्दतों जेल गया होगा ...
वो कोई पीर रहा होगा ....

क्या बरमा ...अंडमान  ..

क्या जर्मनी ...जापान ...
शायद ये जहाँ था उसके लिए छोटा ...
किसी दौर ने गोरो पर बंगाली जादू चढ़ते देखा होगा ..
फरिश्तो ने जिसका सजदा किया होगा ....
वो कोई पीर रहा होगा ....

अंदर सरपरस्त साधू .... बाहर पठान का चोगा ...

खुद की कैद को उसने अपनी रज़ा पर छोड़ा था ..
अंग्रेजो की आँखों का धोखा  ....
कहाँ ऐसा हिन्द का हमनवां होगा ..
वो कोई पीर रहा होगा ...

जहान को कुछ बताने ..रविन्द्र सी ग़ज़ल सुनाने ...

या शायद धूप-छाँव का हिसाब करने ज़मी पर यूँ ही आ गया ..
न उसके आने का हिसाब था ..और न जाने का ...
और कहने वाले कहते है वो 1945 के आसमां मे फ़ना हो गया ...
काश रूस पर सियासी बर्फ़ न जमा होती ...
अगर ये बात सच होती तो अनीता-एमिली की आँखों ने दगा दिया होगा ...
गाँधी से जीतकर भी जिसने महात्मा को जिया होगा ...
वो कोई पीर रहा होगा ...

वाकिफ जिंदगी मे जो कभी रुक न सका ....

गुमनामी मे दरिया पार किया होगा ...
दूर कहीं या पास यहीं कितनी मायूसी मे मुल्क को जीते-मरते देखा होगा ...
आज़ाद होकर अपने ज़हन से दूर हुआ होगा ...
 वो कोई पीर रहा होगा...

वो कोई पीर रहा होगा...

- Mohit Sharma (Trendster)

Saturday, January 11, 2014

Freelance Talents Championship 2013 Logs



Congratulations to Mr. Kapil Chandak on winning the inaugural World Freelance Talents Championship. 

*Undefeated-Undisputed-Most Respected*

List of Prizes 

*) - Dedicated, customized Website www.kapilchandak.com for the Champion.

*) - Trophy & Certificate.

*) - 3 Comics Contract with Fenil Comics.

*) - Co-Authoring 2 Ebooks with Freelance Talents Team.

*) - Entries in Freelance Talents Anthologies (3-Book Series).

*) - Graphic Novel - "Kuhaas - The Mist" & multi-books, merchandise Gift Hamper.


Champion: Kapil Chandak (Captain Kapil)


Runner-up: Mohit Sharma (Trendster)


Bronze Medalist - Siddhant Shekhar

Semi Finalist - Rahul Ranjan 

5) - Daud Zaidi (Subt. Neel Eeshu) 

6) - Karan Virk

7) - Ranjana Sharma 

8) - Deven Pandey

9) - Shivam Pandya 

10) - Rishi Srivastava

11) - Priyashrav Bharadwaj (Subt. Ravi Shankar)

12) - Youdhveer Singh

13) - Mehfooz Ali

14) - Soumendra Majumder

15) - Prashant Vasava

16) - Srishti Yash Mudaliar

Parallel League Champion - Mr. James Linton

*Total Participants in International Freelance Talents Championship 2013 - 311

A BIG Thank you! Every participant, renowned judges and readers for making this event a success. This Blog got over half a million hits. For more mesmerizing statistics related to FTC 2013-14 - Watch This Video 


  
Sponsors - Bitlevel, FA Gang Stuffs, Freelance Talents.

Thursday, January 9, 2014

New Year 2014 Facebook Logs


#Syria  

शायद उनकी माँगे हों सही...
लेकिन मेरी उम्र बारूद से मोल भाव कि नहीं...
कितना भी बरगला लो पर मुझे मालूम है... 
अब मुझे संभाले यह हाथ मेरी माँ के नहीं.. 
वो मलबे में जज़्ब है,
मुझे भी उसके बगल में दफना दो कहीं।

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*) - Bank PO Banna tha...with Artist Surjeet Besra


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*) - My friends from Madhya Pradesh...entrepreneurs, artists, freelancers, researchers. Don't miss this life changing opportunity. Tech Carnival Event, Indore - 12 January 2014.

Event Website - http://www.techcarnival.com/

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"Mohit before we collaborate on this 1 panel teaser...I want you to understand the difference between the molecular disturbance(s) of the character in your mind and the backdrops you usually chose in your kids comics, also I need you to prepare a detailed graph on the frequency mismatch in the Alien hand syndrome behaviour of Narendra Chanchal & Lakhbir Singh Lakha during their Navratr Jagrata performances...plus I recommend...study Postnatal reproductive health among the females residing in Babu Lal Marandi's constituency...it would be helpful if you gather the statistics of people using word "Kulli" in place of "Kulla".....& I mailed you, (BCC to your Fufa ji & your Girl Friend) 97 videos & 420.5 Page report for the perfection we need...."
 — with Kshitij Dhyani.

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*) - RC Shayari Gag with Frank Knot (Rahul)


- Mohit Sharma (Trendy Baba / Trendster)

Tuesday, January 7, 2014

A Book on Postnatal Health in Indian Women


Postpartum Reproductive Health (India) - A Sociological study on postpartum health and related issues (North Indian Women).
ISBN - 9781310602597
Area of Study – Saharanpur, Uttar Pradesh.
*) - PDF Archive - http://document.li/2SS7
Alsoavailable on Pothi, Myebook, Ebook3000 & allied networks.
- Mohit Sharma (Trendster) &  Shanu Sharma

Sunday, January 5, 2014

The Cost of Pseudo-Secularism in Current India

The Cost of Pseudo-Secularism in Current India.

खुद
को शांतिदूत बनाने में , मै जीवन का सार भुला  बैठा 

दहशतगर्दो को शरण देकर , मै अपने घर में आग लगा बैठा

चंद तारीफों के लालच में, अपने पूर्वजो के दिए संस्कारो पे थूका

ऐसे झूठे आदर्शो की  खातिर, मै अपना आत्मसम्मान गँवा बैठा

सेकुलरिज्म की टोपी की खातिर, मै अपनी पहचान गँवा बैठा !



समलैंगिक अधिकारो के लिए में घूमा मोमबत्ती और मशालें लिए -

चर्च गया, मस्जिद गया और फेसबुक चैक-इन कर के धर्मनिर्पेक्ष बना

लेकिन  बूढ़े माँ बाप को मंदिर कभी ले जाऊँ, वह संतान धर्म मै भुला बैठा 

सेकुलरिज्म की टोपी की खातिर, मै अपनी पहचान गँवा बैठा !



राजनीती के इस विकट खेल में, कभी वजीर बना कभी बना मै प्यादा

वह तो खान से गांधी बन गए और मै अपना खुद का भी नाम भुला बैठा

नानक और कबीर कभी सुने नहीं पर १००-१०० कलमे मै रट आया

२००२ को भूलने दिया कभी मैने पर एक और १९८४ करवा बैठा

सेकुलरिज्म की टोपी कि खातिर, मै अपनी पहचान गँवा बैठा !

~ Ratedstar